तीन साल बाद भी नही हुई लोकयुक्त की तरफ से कोई कार्यवाही शहडोल:-मामला है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोहपारू खन्नौधी का जिसमें लोकायुक्त की टीम ने कम्पाउण्डर B.P द्विवेदी को 25000 रुपये लेते रंगे हाथो पकड़ा गया था । जिसमे कम्पाउंडर के विरुद्ध भ्रस्टाचार अधिनियम की धारा 7 के 13 – 1D के तहत कार्यवाही की गई थी। जिसमें कम्पाउंडर ने dr. S.p tiwari को क्लीन चिट देने के लिये बोला था। जिसमे न तो आज तक कोई कारवाही हुई और न ही dr. S.p tiwari को कोई भी कागज नही दिया गया। फीर भी इस केश का कुछ पता नही चल रहा है। और न ही इस केश को अधिकारी कर्मचारी मतलब भी नही रख रहे है । जब भी रीवा जाकर लोकायुक्त के s.p से मिला जाता है। तो वह यह बोलकर तल देते है की तुम्हारा केश अभी छानबीन चल रही है। और यह केश अभी भोपाल में है। और जब भोपाल आकर पता किया गया तो पता लगा की लोकायुक्त कार्यालय में इस केश की फाइल आई थी। लेकिन इस केश के कुछ दस्तावेजों की कमी की वजह से फाइल पूरी नही थी। जिसके कारण इस फाइल को पुन: 15 दिनों के बाद वापस रीवा लोकायुक्त कार्यालय मे भेज दिया गया था। अब इस केश की कोई भी फाइल हमारे यहाँ मौजूद नही है। अगर इस तरह चलता रहा भ्रस्टाचार तो लोगो को लोकायुक्त रीवा की ओर से भरोसा टूट जायेगा। और इस तरह B.P dwivedi और R.K shukla जैसे लोगों से रिस्वत लेते रहेगें। और यदि लोग रिस्वत नही दे रहे है। थो फिर उनका काम नही होगा।